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लिंगायत भविष्य, तिथि-वार को नही मानता

तोते के भविष्य सुनाने से क्या प्रयोजन?
कब बिल्ली पकड़ने आता, न बता सकता हो तो?
इस संसार को देखनेवाली आँख
अपने पर चुबनेवाले काँटे देख नहिं सकती
कहते है औरों के गुण बहुत जानते हैं
परंतु वे अपने गुणों को नहिं पहचानते
हे कूडलसंगमदेव। /185 [1]

तिथि-वार में नहिं जानता, लग्न-विलग्न मैं नहिं जानता,
इसे जानकर सात वार, आठारह कुल हैं, कहते हैं
हम इसे नहिं जानते हैं,
रात, एक वार, दिन एक वार,
भवि एक कुल है, भक्त एक कुल है,
हम इतना ही जानते हैं,
बसवप्रिय कूडलसंगमदेव। /2047 [1]

[1] Number indicates at the end of each Vachana is from the book "Vachana", ISBN:978-93-81457-03-0, Edited in Kannada by Dr. M. M. Kalaburgi, Hindi translation: Dr. T.G. Prabhashankar 'Premi'. Pub: Basava Samiti Bangalore-2012.

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