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लिंगायत धर्म में सत्संग अवश्यक है

अन्न का एक दाना देखते ही
कोआ अपने समूह को बुलायेगा नहीं क्या?
एक निवाल देखते ही
मुर्गी अपने कुल को बुलायेगी नहीं क्या?
शिवभक्त होकर, भक्ति पक्ष का न हो तो
वह कौए-मुर्गी से भी हीन है
हे! कूडलसंगमदेव। /152 [1]

ज्ञान के बल से अज्ञान का नाश है
ज्योति के बल से अंधकार का नाश है,
सत्य के बल से असत्य का नाश है,
पारस के बल से लोहत्व का नाश है,
कूडलसंग के शरणों के अनुभाव
के बल से भव का नाश है, देखो जी। /207 [1]

नाली का पानी साफ हो तो क्या होगा?
खोटा सिक्का वह कहीं भी हो तो क्या होगा?
आकाश में आम हो तो क्या है?
उसे न तोड़ सकते न खा सकते?
कूडलसंगय्या के शरणों का अनुभाव जिनको नहीं,
वे कहीं भे रहे? कैसे भी रहे तो क्या? /274[1]

भक्त यदि भक्त के घर आता है
तो भृत्याचार करना चाहिए,
बदलें में आये को कर्ता समझकर चरणाभिषेक करा लेने से
पहले अर्जित भक्ति की हानि होगी।
लाखों मील चलकर
भक्त का भक्त से दर्शन करना
ही सदाचार है। उसके साथ मिलकर
दासोह करेंगे तो
कूडलसंगम स्वयं भी मिल जायेंगे। /294 [1]

घड़ा बनाना है, तो पहले मिट्टी चाहिए,
गहना बनाना है, तो पहले सोना चाहिए,
शिवपथ जानाना है, तो पहले गुरुपथ चाहिए,
कूडलसंगमदेव को जानना है तो
पहले शरणों का सत्संग चाहिए। /310[1]

निकट रहे सज्जनों का संग श्रेष्ठ है जी,
दूर रहे दुर्जनों का संग हानिकर है जी,
इन दो संग में से -एक स्विकारो, एक दुत्कारो!
हमारे कूडलसंगय्या के शरण मंगलमूर्ति हैं। /383 [1]

पास रहे- सज्जनों का संग करना चाहिए,
दूर रहे-दुर्जनों का संग नहीं करना चाहिए,
कोई भी सांप हो? विष तो एक ही है।
ऐसे लोगों का संग नहीं करना चाहिए।
जिनका अंतरंग शुद्ध नहीं उनका संग तो
भयंकर नागसर्प का कालकोट विष होता है
हे! कूडलसंगमदेव। /384 [1]

सिर मैला हो तो महामज्जन करना
वस्त्र मैला हो तो धोबि को देना
मन का मैला धोना हो तो
कूडलचेन्नसंगय्या के शरणों के साथ
अनुभाव गोष्ठि करना। /862[1]

बिना संग होती नहीं उत्पन्न अग्नि,
बिना संग बीज होता नहीं अंकुरित,
बिना संग खिलते नहीं फूल
बिना संग मिलता नहीं सर्वसुख,
चेन्नमल्लिकार्जुनय्या,
तुम्हारे महानुभवियों के संग से
मैं परमसुखी बनी। /1227 [1]

[1] Number indicates at the end of each Vachana is from the book "Vachana", ISBN:978-93-81457-03-0, Edited in Kannada by Dr. M. M. Kalaburgi, Hindi translation: Dr. T.G. Prabhashankar 'Premi'. Pub: Basava Samiti Bangalore-2012.

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