पूर्ण नाम: |
अनामिक नाचथ्या |
वचनांकित : |
नाचय्यप्रिय चेन्नराम |
कायक (व्यवसाय): |
तेलवाला |
भूख का नाश नहीं, विषय वासना का कुल-भेद नहीं
मरण का गौरव नहीं, चाह की सीमा नहीं
इनसे दूर है अनामिक नाचय्यप्रिय चेन्नरामय्या। / १४२० (1420)[1]
अनामिक नाचथ्या मारुडिगे के रहनेवाले थे। ‘अनामिक' विशेषण से लगता है कि ये ’शुद्र’ होंगे। वृत्ति से ये कोल्हू चलानेवाले थे। ’नाचय्यप्रिय चेन्नराम' वचनांकित से रचे इनके पाँच वचन मिले है। उलटबासीवाले उन वचनों में तात्विक विषय प्रतिपादित हैं ।
References
[1] Vachana number in the book "VACHANA" (Edited in Kannada Dr. M. M. Kalaburgi), Hindi Version Translation by: Dr. T. G. Prabhashankar 'Premi' ISBN: 978-93-81457-03-0, 2012, Pub: Basava Samithi, Basava Bhavana Benguluru 560001.
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