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मारेश्वरोडेय (1160)

पूर्ण नाम: मारेश्वरोडेय
वचनांकित : अमरेश्वर

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खिलाने पर न खाता, तुरंत न बोलता
न देखता, न बोलता, न माँगता, न छेड़ता,
जंगली उपले हाथ में देकर,
बिना बोले चले गए, हे मारेश्वर! / 1940 [1]

इनके जीवन के बारे में कोई जानकारी मिली नहीं। इन्होंने ‘अमरेश्वर' वचनांकित से 13 वचन रचे हैं। इनके वचनों में इष्टलिंग का स्वरूप, ज्ञान, आचार, लिंगांगी की भावना आदि विषय निरूपित हैं। वचन सरलता, संक्षिप्तता और भावपूर्णता से युक्त हैं। कुछ वचन उलटबासी शैली के होकर तत्वबोधक हैं।

References

[1] Vachana number in the book "VACHANA" (Edited in Kannada Dr. M. M. Kalaburgi), Hindi Version Translation by: Dr. T. G. Prabhashankar 'Premi' ISBN: 978-93-81457-03-0, 2012, Pub: Basava Samithi, Basava Bhavana Benguluru 560001.

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