(जगळगंट) झगड़ालु कामण्णा (1160 ई.)
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पूर्ण नाम: |
झगड़ालु कामण्णा
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वचनांकित : |
कामेश्वर
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मरनेवाले भगवान को नहीं मानता हूँ मैं
लेकिन भाव न मिटे ऐसी भक्ति को नहीं मानता हूँ मैं
किसी भी रीति से मैं नहीं मानता कर्म-विधि को,
मात्र कामेश्वर को मैं जानता हूँ। / 1713 [1]
'कामेश्वर' वचनांकित में रचे इनके चार वचन प्राप्त हुए हैं। इन वचनों में निरूपित वस्तु हैं गुरु लिंग जंगम का स्वरूप, निजतत्व का स्वरूप और एकदैव निष्ठा।
References
[1] Vachana number in the book "VACHANA" (Edited in Kannada Dr. M. M. Kalaburgi), Hindi Version Translation by: Dr. T. G. Prabhashankar 'Premi' ISBN: 978-93-81457-03-0, 2012, Pub: Basava Samithi, Basava Bhavana Benguluru 560001.
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