पूर्ण नाम: |
निजदेवी , बोंतादेवी
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वचनांकित : |
बीडाडी
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कायक (काम) |
कश्मीर देश के माण्डव्यपुर की राजकुमारी (Kashmir princess) |
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बस्ती के भीतर का खुला प्रदेश
बस्ती के बाहर का खुला प्रदेश
इसप्रकार क्या दो खुला प्रदेश अलग अलग हैं?
बस्ती के भीतर ब्राह्मण का खुला प्रदेश
बस्ती के बाहर अंत्यज का खुला प्रदेश
इसप्रकार क्या दो खुला प्रदेश अलग अलग हैं?
जहाँ भी देखो खुला प्रदेश एक ही है,
केवल भित्ती के कारण भीतर बाहर का भेद है।
जहाँ से भी पुकारू उत्तर बराबर देनेवाला ही बीडाडी है। / 1322
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बतादेवी का पूर्व का नाम निजदेवी था। ये कश्मीर देश के माण्डव्यपुर की राजकुमारी थीं। छुटपन में इनमें शिवभक्ति में निष्ठा थीं और वे विरागी बनकर कल्याण में आ बसती हैं। इनके वैराग्य और गुप्तभक्ति का काव्य और पुराणों में वर्णन हुआ है।
बोंतादेवी ने ‘बीडाडी' वचनांकित से वचन रचे हैं। अब छ: वचन उपलब्ध हैं। उनमें शिव का स्वरूप, अनंतता और सर्वांतर्यामित्व का वर्णन किया गया है। साथ ही इनकी आध्यात्मिक साधना, समता भाव और सामाजिक आस्था उनमें दिखाई पड़ती हैं।
References
[1] Vachana number in the book "VACHANA" (Edited in Kannada Dr. M. M. Kalaburgi), Hindi Version Translation by: Dr. T. G. Prabhashankar 'Premi' ISBN: 978-93-81457-03-0, 2012, Pub: Basava Samithi, Basava Bhavana Benguluru 560001.
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