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दसरय्या की पत्नी वीरम्मा (1160)

पूर्ण नाम: दसरय्या की पत्नी वीरम्मा
वचनांकित : गुरु शांतेश्वर

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समय-परिज्ञान मुर्गा रखता है।
व्रतहीन को जान कर भक्त नहीं करता उसका संग
हे, गुरु शांतेश्वर, यदि उसका संग करेगा तो नरक निश्चित / 1313 [1]

वीरम्मा दसरय्या की पत्नी थीं। 'गुरु शांतेश्वर' अंकित में रचे इनके पाँच वचन मिले हैं। इनके वचनों में मन की चंचलता, शरण की भावना, व्रतनिष्ठा, पादोदक-प्रसाद का महत्व आदि का प्रतिपादन हुआ है।

References

[1] Vachana number in the book "VACHANA" (Edited in Kannada Dr. M. M. Kalaburgi), Hindi Version Translation by: Dr. T. G. Prabhashankar 'Premi' ISBN: 978-93-81457-03-0, 2012, Pub: Basava Samithi, Basava Bhavana Benguluru 560001.

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