पूर्ण नाम: |
निरालंब प्रभुदेव |
वचनांकित : |
निस्संग निराळ निजलिंग प्रभु |
श्री गुरु स्वामी की कृपा से प्राप्त इष्टलिंग को
करतल, मन, भाव में पूजा करना न जानते हुए
भ्रष्ट ब्राह्मण की बात सुनकर नष्ट होनेवाले
कांसा पीतल आदि अनंतदेव मूर्तियों का भजन करने वाले,
मुर्ख जड़ मति को मुजे एक बार भी मत दिखाओ,
हे निस्संग निराळ निजलिंग प्रभु। /२४३६ [1]
निरालंब प्रभुदेव: "निरालंब प्रभुदेव निस्संग निराळ निजलिंगप्रभु" अंकित में 14 वचन प्राप्त हैं। इस वचनकार के संबंध में और कोई जानकारी नहीं मिलती है। ‘शिवभक्ति पंचांग वचन' में शिवाचार पथ न जानकर पंचांग सुननेवालों की और अन्य अंध आचारों की तीव्र रूप में आलोचना की गयी है।
References
[1] Vachana number in the book "VACHANA" (Edited in Kannada Dr. M. M. Kalaburgi), Hindi Version Translation by: Dr. T. G. Prabhashankar 'Premi' ISBN: 978-93-81457-03-0, 2012, Pub: Basava Samithi, Basava Bhavana Benguluru 560001.
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