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रेवणसिद्धय्या की पत्नी रेकम्मा (1160)

पूर्ण नाम: रेवणसिद्धय्या की पत्नी रेकम्मा
वचनांकित : श्रीगुरु सिद्धेश्वर

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अखाड़े में लाठी चलाते हैं, युद्ध में लाठी चलाते हैं क्या?
भवि के लिए पुनः व्रत और पुनः दीक्षा की आवश्यकता है,
भक्त के लिए ये आवश्यक हैं क्या ?
व्रत भंग होने पर भी जीवित हो, उसे नरक से मुक्ति नहीं,
अमुगेश्वर लिंग। / 1340 [1]

रेकम्मा बसवण्णा के समकालीन रेवणसिद्धय्या की पत्नी थीं। वीरशैव पुराणों के अनुसार उनका कायक शिवलिंग के लिए फूलों की माला बनाकर चढ़ाना था। ‘श्रीगुरु सिद्धेश्वर' अंकित में रचा एक वचन मात्र प्राप्त है जिसमें गणाचार निष्ठा व्यक्त हुई है।

References

[1] Vachana number in the book "VACHANA" (Edited in Kannada Dr. M. M. Kalaburgi), Hindi Version Translation by: Dr. T. G. Prabhashankar 'Premi' ISBN: 978-93-81457-03-0, 2012, Pub: Basava Samithi, Basava Bhavana Benguluru 560001.

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