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॥ ॐ श्री गुरु बसव लिंगाय नम: ॥

लिंगायत धर्म

लिंगायत धर्म में आपका स्वागत है।


लिंगायत धर्म : समानता, भाईचारा, नैतिकता, समृद्धि और प्रगति का प्रतीक! जीवन का शाश्वत शांति का मार्ग।

जग-सा विशाल, नभ-सा विशाल
आपका विस्तार उससे बी परे है।
पाताल से भी पार तेरे श्रीचरण,
ब्रह्मांड से भी पार तेरा श्री मुकुट,
अगम अगोचर अप्रतिम हे! लिंग
कूडलसंगमदेव,
तुम मेरे करस्थल में समा गये। -२०१[1]

लिंगायत का विशेष अनूठा ईष्टलिंग (Symbol for Alimighty, Supreme GOD)


लिंगायत धर्म गुरू बसवॆष्वर द्वारा 12 वीं सदी में प्रारम्भ किया एक धर्म है। लिंगायत धर्म का उद्देश्य पुरुष महिला असमानता मिटाना, जाति को हटाना, लोगों को शिक्षा प्रदान करना, और हर तरह का बुराई को रोकना हैं।

लिंगायत साहित्य (वचन साहित्य) भगवान का स्पष्ट और वास्ताविक रूप का चित्र्ण प्र्दान करता है। लिंगायत सब अंधविश्वास मान्यताओं को खारिज कर भगवान को उचित आकार "इष्टलिंग" के रूप मे पुजा करने का तरीका प्रदान करता है।

लिंगायत में सभी मानव-जाति जन्म से बराबर हैं। भेदभाव सिर्फ़ ज्ञान पर आधारित है (गुरु शिश्य या भवि भक्त)। यह वर्तमान का शिक्षा प्रणाली के बराबर है। किसी अधिकारी के घर में जन्म लेने से कोई आधिकारि नहि बनसकता, अच्छे अंक प्राप्त करके एक अधिकारी बन सकता है। किसी भी मानव इष्टलिंग दीक्षा' संस्कार से लिंगायत बन सकता है।

मकढ़ी सूत्र से जाला बुनने की भाँति
सूत्र के लिए धागा कहाँ से लायी?

चरखा नहिं, उसके लिए रूई नहीं, किसने सूत्र काता?
अपने तन से सूत निकाल कर फैलाता है,

उसमें बढ़े प्यार से चल फिर कर,
अंत में अपने में समेटकर रखने की तरह,

अपने से निर्मित ईस जग को अपने में
समेट लेते हैं कूडलसंगमदेव। -160 [1]

Spider

लिंगायत मे ज्न्म से पहले हि (जब महिला गर्भवती हो, गर्भावस्था के 7 महीने के आसपास) इष्टलिंग दीक्षा दिया जाएगा। माँ अपने इष्टलिंग के सात अपने बच्चे के इष्टलिंग अपने शरिर पर धारण तथा पुजा किय करते है। बच्चे का जन्म होने पर बच्चे को "लिंगधारण" किया जाएगा। बच्चे की उम्र जब 12-15 साल हो, दीक्षा गुरु द्वारा "इष्टलिंग-दीक्षा" दिया जाएगा।

लिंगायत धर्म अनुभव मंटप में (अनुभव मंटप वर्तमान संसद के बराबर है) विकसित वैज्ञानिक एवं वैचारिक (ideological) : धर्म है। अनुभव मंटप की कार्यवाही वचन साहित्य के रूप में दर्ज हैं। अनुभव मंटप के सदस्य आम आदमी हैं वे भले ही आर्थिक रूप से राजनैतिक रूप से गरीब हैं लेकिन वो आध्यात्मिकता मे, जीवन के बारे में, नैतिकत के बारे में अधिक ज्ञानि हैं। वे आध्यात्मिक और सर्वोच्च वास्तविकता का स्पष्ट ज्ञानि थे।

जहां देखो वहां प ही दीखते देव।
सारे विस्तार का रूप आप ही हैं हे देव
’विश्वतोचक्षु’ आप ही है देव
’विश्वतोमुख’आप ही है देव
’विश्वतोबाहू’ आप ही है देव
’विश्वत:पाद’ आप ही है देव
हे कूडलसंगमदेव। -८५ [1]

पारंपरिक हिंदू धर्म में मानव जाति का जन्म से हि बंटवारा किय गय हैं।
१) ब्राह्मण उत्कृष्ट श्रेणी
२) क्षत्रिय द्वितिय श्रेणी
३) वैश्य तृतीय श्रेणी
४) शूद्र चौथा श्रेणि और अछूत या अस्पृश्य अंतिम श्रेणी
एक व्यक्ति अछूत के घर में जन्म लिया है तो भले ही वह एक प्रतिभाशाली या ज्ञानि हो, परंतु वह किसि भि कारण उच्च श्रेणी हासिल नहीं कर सकता। इस समाज व्यवस्था में गुरु बसवॆष्वर उम्मीद की रोशनी के रूप में आया और इस श्रेणीकरण व्यवस्था को पूरी तरह से हटा दिया। वह स्पष्ट रूप से समझाया कि श्रेणीकरण व्यवस्था मानव निर्मित है, देव निर्मित नहि। और बतया कि सभी मानव-जाति जन्म से समान(बराबर) हैं। सभि अछूत व निम्न वर्ग लोगो को शिक्षा प्रदान की, भगवान की अवधारणा को आसान और आम आदमी की भाषा में समझाया।

दलित व निम्न वर्ग के लोग शिक्षा प्राप्त किया और वे अच्छी वचन (दोहे) लिखना शुरू कर दिया। उनके आध्यात्मिक अनुभवों को सुंदर शब्दों में प्रस्तुत किया। ढोलकिया, मोची, नाई, कुम्हार ये सभी महान आध्यात्मिक अनुभावि व महान लेखक बन गये।

[1] Number indicates at the end of each Vachana is from the book "Vachana", ISBN:978-93-81457-03-0, Edited in Kannada by Dr. M. M. Kalaburgi, Hindi translation: Dr. T.G. Prabhashankar 'Premi'. Pub: Basava Samiti Bangalore-2012.


(हेंडद) मद्यसार मारय्या (1160) *लिंगायत* एक धर्म है अक्क महादेवि, अक्कमहादेवि (महादेवि अक्का)
अक्कम्मा वचन अक्कमहादेवी वचन अग्घवणि हंपय्य (१३००)
अग्घवणि होन्नय्य (११६०) अंगसोंकिन लिंगतंदे (लिंग पिता) - ११६० अजगण्ण पिता (तंदे)(११६०)
अनामिक नाचथ्या (११६०) अप्पिदेवय्य (१६५०) अंबिगर चौडय्य (११६०)
अंबिगर चौडय्या वचना अमुगे रायम्मा (११६०) अमुगे रायम्मा वचन
अमुगिदेवय्या (११६०) अमरगुंडद मल्लिकार्जुन (११६०) अरिविन मारितंदे
अरिविन मारितंदे (१३००) अल्लम प्रभु वचन अल्लमप्रभु (११६०)- अनुभव मंडप के अध्यक्ष
अवसरद रेकण्णा (११६०) आदय्य (११६५) आदय्या वचन
आनंदय्या (१६५०) आनंदसिद्धेश्वर आयदक्कि मारय्या (११६०)
आयदक्कि लक्कम्म (११६०) ईश्वरी वरद चेन्नराम उग्घडिसुव गब्बिदेवय्या (११६०)
उप्परगुडिय सोमिदेवय्या उरिलिंगदेव (११६०) उरिलिंगपेद्दि (११६०)
उरिलिंगपेद्दि की पत्नि काळव्वे (११६०) उरिलिंगपेद्दि वचन उळवि, ऊळवि, उळवे,
उळियुमेश्वर चिक्कण्णा (१२७९) एकांत रामितंदे (1160) एकांतवीर सोडुळ
एकोरामेश्वरलिंग एच्चरिके कायकद मुक्तिनाथय्या (११६०) एडेमठ नागिदेवय्या की पत्नि मसणम्म (११६०)
एलेगार कामण्णा (१४००) एलेश्वर केतय्या (1166) ओक्कलिग मुद्दण्णा (1160)
कूगिन मारय्या (1160) कूडत्न संगम क्षेत्र में बसब क्रांति के दिन ’शरण मेला’ कूडल संगम लिंगायत धर्मक्षेत्र
कूडलसंग के शरण स्वतंत्र हैं और धीर भी हैं कदलि वन श्रीशैल कदिर रेम्म‌व्वे (1160)
कन्नडि कायकद अम्मिदेवय्या (1160) कन्नडि कायकद रेमम्मा (1160) कन्नद मारितंदे (1160)
कंबद मारितंदे (1160) करुळ केतय्या (1160) करस्थल मल्लिकार्जुनदेव (1409-1447)
कलकेतय्या (1160) कुष्टगि करिबसवेश्वर (1700) काटकूटय्या की पत्नी रेचव्वे (1160)
काडसिद्धेश्वर (1725) कालकण्णिय कामम्मा (1160) किन्नरी ब्रह्मय्या (1160)
कीलारद भीमण्णा (1160) कोट्टणद सोमम्मा (1160) कोंडे मंचण्णा की पत्नी लक्ष्मम्मा (1160)
कोल शांतय्या (1160) गजेश मसणय्या (1160) गजेश मसणय्या की पत्नी मसणम्मा (1160)
गुंडय्या की पत्नी केतलादेवी (1160) गणदासी वीरण्णा (17वीं शती) गुप्त मंचण्णा (1160)
गुरु बसवण्णा गुरु वरद विरूपाक्ष गुरुपुरद मल्लय्या (1400)
गुरुसिद्धदेव (17वीं शती) गुहेश्वरय्या (लगभग 1600) गावुदिमाचय्या (1160)
गोग्गव्वे (1160) गोणि मारय्या (1600) गोरक्ष (1160)
घट्टिवाळय्या (1160) घनलिंगिदेव (16वीं शती) चंदिमरस वचन
चंदिमरस (1160) चेन्नबसव वचन चेन्नबसवण्णा (1160)
चेन्नय्या (17वीं शती) जक्कणय्या (1800 ई.) जंगमलिंग प्रभु
जगळगंट कामण्णा (1160 ई.) जेडर दासिमय्या जेडर दासिमय्या (1100)
जोदर मायण्णा (1160) डक्केय बोम्मण्णा (1130) डोहर कक्कय्या (1130)
तुरुगाहिरामण्णा (1160) त्रैलोचन मनोहर माणिकेश्वरलिंग तेलुगेश मसणय्या (1160)
तळवार कामिदेवय्या (1160) तोंटद सिद्धलिंग शिवयोगी वचन तोंटद सिद्धलिंगशिवयोगी (16वीं शती)
दुग्गळे (1100) देव स्वरूप इष्टलिंग आकार मे देवलोक - मर्त्यलोक भिन्न नहीं है
दशगण सिंगिदेवय्या (1160) देशिकेन्द्र संगनबसवय्या (लगभग 17वीं शती) देशिकेन्द्र संगनबसवय्या वचन
दसरय्या (1160) दसरय्या की पत्नी वीरम्मा (1160) देह ही देवालय
दासोहद संगण्णा (1160) धर्मगुरु बसवेश्वर के वचन नगेय मारितंदे
नंजुडशिव नुलिय चंदय्या (1160) नागलांबिका (1160)
नि:कळंक चेन्नसोमेश्वर निजगुणयोगी निजमुक्ति रामेश्वर
निर्धनप्रिय रामेश्वर निरालंब प्रभुदेव निवृत्ति संगय्या
पूज्य श्री महा जगद्गूरु माता महादेवी पूजा खुद करना है परंज्योति (17वीं शती)
पुरद नागण्णा (1160) प्रसादि भोगण्णा (1160) प्रसादि लेंक बंकण्णा (1160)
पारिभाषिक शब्दकोश / अंतर्कथा-कोश बतलेश्वर की पत्नी गुडुव्वे बळ्ळेश मल्लय्या (1160)
बसव कल्याण बसवण्ण डाक टिकट और सिक्का पर बसवण्णा ( बसवेश्वर) कौन है ?
बसवन बागेवाडी बसवलिंगदेव (1700) बहुरूपी चौडय्या (1160)
बाचि कायकद बसवण्णा बाचिकायकद बसवण्णा की पत्नी काळव्वे बालबोम्मण्णा (1160)
बालसंगण्णा (1160) बालसंगय्या बाहूर बोम्मण्णा
बिब्बी बाचय्या (1160) बोक्कसद चिक्कण्णा (1160) बोंतादेवी (1160)
भोगण्णा (1160) मुक्तायक्का (1160) मडिवाळ माचिदेव
मडिवाळ माचिदेव मडिवाळ माचिदेवन समयाचारद मल्लिकार्जुन (1160) मडिवाळप्पा (18वीं शती के)
मैदुन रामय्या (1160) मेदर केतय्या (1160) मधुवय्या (1160)
मन को शुद्ध करों मनुमुनि गुम्मटदेव (1160) मनसंद मारितंदे (1160)
मुम्मडि कायेंद्र मेरेमिंडय्या (1160) मरुळशंकरदेव (1160)
मल्लिकार्जुन पंडिताराध्य (1160) मळुबाविय सोमण्णा (1650) महात्मा बसवेश्वर
महात्मा बसवेश्वर (1134-1196) महात्मा बसवेश्वर अभिलेख प्रमाण महात्मा बसवेश्वर के बारे में उत्कीर्ण लेख संबंधी प्रमाण(अभिलेख प्रमाण)
महिला कवयित्री (संतों) के वचन (कविता) मादार चेन्नय्या (1100) मादार धूळय्या (1160)
मारय्या की पत्नी गंगम्मा (1160) मारेश्वरोडेय (1160) मोळिगे महादेवी (1160)
मोळिगे मारय्या (1160) मोळिगे मारय्या वचन रेवणसिद्धय्या की पत्नी रेकम्मा (1160)
रायसद मंचण्णा (1160) रायसद मंचण्णा की पत्नी रायम्मा (1160) लद्देय सोमय्या (1200)
लिंगम्मा लिंगायत और हिंदू लिंगायत चित्र पट
लिंगायत तत्व दर्शन लिंगायत धर्म लिंगायत धर्म एक-देवोपासन पालन करता है
लिंगायत धर्म का धर्मग्रंथ (संविधान) लिंगायत धर्म गुरु बसवण्ण लिंगायत धर्म में व्रत, शील (नियम) नेम
लिंगायत धर्म में सत्संग अवश्यक है लिंगायत धर्म में हर रोज शुभ है लिंगायत धर्म लांछन इष्टलिंग
लिंगायत धर्म संस्थापक : दार्शनिक महात्मा बसवेश्वर लिंगायत धर्म साहित्य *आद्धशरणों के वचन पारस है* लिंगायत धर्म साहित्य *वचन साहित्य*
लिंगायत धर्मस्थापक, धर्मगुरु बसवण्ण लिंगायत धार्मिक प्रमूख तीर्थ स्थल लिंगायत पंचसूतक नही मानता
लिंगायत ब्रह्मा, विष्णु, रुद्र को देव नही मानता लिंगायत भविष्य, तिथि-वार को नही मानता लिंगायत मे कायक समान्ता
लिंगायत मे भगवान का स्वरूप लिंगायत मे मानव समानता लिंगायत मे स्त्री पुरुष समानता
लिंगायत शब्द का अर्थ लिंगायत स्वर्ग, नरक को नही मानता लिंगायत:शरण का अंगन ही कैलास है
लोगों का टेढ़ापन आप क्यों सुधारते हैं? वचन साहित्य वचनभंडारी शांतरस (1160)
वेदमूर्ति संगण्णा (1160) वैद्य संगण्णा (1160) विश्व गुरु बसवेश्रर के जीवन में आनेवाले महत्व की घटनाएँ अंग्रेजी इ. में
वीरगोल्लाळ (1160) शंकरदासिमय्या (1130) शरण वचन 1417_1431
शरण वचन 1518_1542 शरण वचन 1591_1682 शरण वचन 1779_1881
शरण वचन 1907_1965 शरण वचन 2022_2052 शरण वचन 2094_2132
शरण वचन 2216_2299 शरण वचन 2436_2468 शरण से मिलकर ’शरणु’ कहो
शरण सूची (शरण और शरणे) शिवनागमय्या (1160) शिवलेक मंचण्णा (1160)
शिवाचार षण्मुखस्वामी (1639- 1711) षण्मुखस्वामी, हेमगल्ल हंप वचन
सुंकद बंकण्णा (1160) सकळेश मादरस (1130) सकळेश मादरस वचन
संगमेश्वरद अप्पण्णा (1160) सगरद बोम्मण्णा (1160) सत्तिगे कायकद मारय्या (1160)
सत्यक्का (1160) सती-पती. करनेवाली भक्ति देव पसंद करेंगे सूळे संकव्वे (1160)
स्वतंत्र सिद्धलिंगेश्वर स्वतंत्रसिद्धलिंगेश्वर (16वीं शती उत्तरार्द्ध) सिद्धबुद्धय्या की पत्नी काळवे (1160)
सिद्धरामेश्वर (1160) सिद्धरामेश्वर वचन सिद्धांति वीरसंगय्या (1160)
सोडुळ बाचरस (1160) सोन्नलापुर, सोलापुर, सिद्धरामेश्वर, हुंजिन काळगद दासय्या (1160)
हडपद अप्पण्णा हडपद अप्पण्णा (1160) हडपद अप्पण्णा की पत्नी लिंगम्मा (1160)
हडपदरेचण्णा (1160) हेमगल्ल हंप (17वीं सदी) हाविनहाळ कल्लय्या
हाविनाळ कल्लय्या (1160) होडेहुल्ल बंकण्णा (1160)

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